786 का अर्थ क्या है 786 नंबर का मतलब क्या होता है 786 number ka Arth kya hai

786 का अर्थ क्या है 786 नंबर का मतलब क्या होता है

786 number ka Arth kya hai

786 का अर्थ क्या है?

Worldometers की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की कुल मौजूदा आबादी करीब 800 करोड़ के आसपास है। इसी मुद्दे पर World Population Review अनुसार तो पूरी ही दुनिया की कुल आबादी में से करीब 238 करोड़ क्रिश्चियन धर्म के मानने वाले हैं और मुस्लिमों धर्म को फोलो करने वाले लोगों की संख्या करीब 190 करोड़ है। इस तरह दुनिया में 190 करोड़ की आबादी के लिहाज से इस्लाम धर्म दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। जैसे कि यह हम सब जानते हैं कि इस्लाम धर्म का पालन करने वाले सभी लोगों को मुस्लिम कहा जाता है और सभी मुसलमान एक अल्लाह की ही इबादत करते हैं। हम कहीं जगहों पर 786 अंक लिखा हुआ देखते हैं। हम में से कई लोगों चाहे फिर वह मुसलमान हो या गैर मुस्लिम उन्हें इस अंक को लेकर बड़ी ही जिज्ञासा होती है। क्योंकि हम में इस अंक का महत्व और इसका अर्थ मालूम ही नहीं होता। तो चलिए आपकी इस गुत्थी को भी हम सुलझा लेते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको इस्लाम में 786 अंक का क्या मतलब है और इसका क्या महत्व है, इन दोनों बातों की जानकारी देंगे।


786 अंक का महत्व 



इस्लाम में 786 अंक का बहुत बड़ा महत्व है और मुसलमान इसे बहुत ही पवित्र मानते हैं। हालांकि, 786 अंक को लेकर अलग-अलग धर्म विशेषज्ञों की अलग-अलग राय भी है। 786 अंक का इस्तेमाल ‘बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ की जगह किया जाता है । इस तरह यह अंक बहुत ही पाक यानी पवित्र है। क्योंकि इस्लाम में हर काम की शुरुआत करने से पहले ‘बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ पढा जाता है। यहां तक कि ऐसा ही मान लो कि मुसलमानों के जिवन का हर काम ‘बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ की बिना अधूरा है। तो यह तो था 786 अंक का महत्व चलिए आगे हम आपको बता रहे हैं कि आखिर इस रहस्यमई अंकों का अर्थ आखिर क्या है?


786 अंक का अर्थ



इस अंक को पवित्र मानने वाले लोगों की तादाद भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अधिक है। कुछ धर्म गुरुओं और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अल्लाह के पाक नाम ‘बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ को उर्दू या अरबी में लिखें तो उनके कुल अक्षरों की संख्या 786 होती है। 

अरबी भाषा उसे कहते हैं जो पवित्र धर्म ग्रंथ "कुऑन" में है और अरबी में अक्षरों को अदद कहा जाता है। इस तरह बिस्मिल्लाह के अदद 786 होते हैं। यही वजह है कि कई मुसलमान अल्लाह के नाम ‘बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ की जगह 786 लिखते हैं और इसे बहुत ही पवित्र मानते हैं। अरबी भाषा के 28 Alphabet (वर्णमाला के अक्षर) होते हैं । जिन्हें अदद कहा जाता है। 


अरबी वर्ण माला के हर एक अक्षर को दिया गया मूल्य


786 नंबर का अर्थ

इस अदद विधि के अनुसार अरबी भाषा के हर अक्षर को एक से लेकर एक हजार तक विशेष अंकगणित मूल्य दिया जाता है। जैसे के अरबी भाषा के  अलिफ को एक और था को दौसो अंक गणित मूल्य दिया गया है । इस तरह अरबी वर्ण माला के हर एक अक्षर को मूल्य दिया गया है। अरबी भाषा में बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ लिखने में जितने भी अरबी अक्षरों का इस्तेमाल हुआ है , उन सभी का अदद विधि को अनुसार जोड़ने पर 786 अंक बन जाता है।


अरबी भाषा में अगर बिस्मिल्लाह लिखने में 19 अक्षरों का इस्तेमाल हुआ है। इन सभी अक्षरों का अदद विधि के मुताबिक वैल्यू यही अंक होता है।


 हम देखते हैं कि मुस्लिम धर्म में होनी वाली शादी और अन्य खास मौकों पर दिए जाने वाले निमंत्रण कार्ड के सबसे ऊपर भी लोग 786 ही लिखवाते हैं। कई लोग इस अंक का ताविज बना कर गले में पहनते हैं। लोगों के घरों में इस पवित्र अंक के बड़े से पोस्टर लगे रहते हैं। किंतु, इस्लाम धर्म के विद्वान 786 अंक को लेकर अपना अलग-अलग मत रखते हैं। 


ए.एम. कासमी के अनुसार अल्लाह के नाम की जगह 786 अंक का इस्तेमाल योग्य नहीं



https://youtu.be/xg_ZuSEOtNo





भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के फिरोजाबाद के रहने वाले ए.एम. कासमी एक इस्लामिक स्कॉलर हैं। वे यूट्यूब पर ए.एम. कासमी का A.M Islamic Zone नाम का एक वेरिफाइड चैनल का संचालन करते है। पिछले साल  15 फरवरी 2020 को ए.एम. कासमी ने अपने यूट्यूब चैनल पर 786 को लेकर एक वीडियो अपलोड किया था। अपने इस वीडियो में उन्होंने बताया है कि 'बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम’ की जगह 786 लिखना सही नहीं है। इतना नहीं नहीं, उन्होंने तो अपनी वीडियो में ये भी कह दिया है कि 786 का "बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम" के साथ कोई भी ताल्लुक नहीं है।




अल्लाह के नाम की जगह 786 का उपयोग गुनाह नहीं लेकिन सुन्नत के खिलाफ- मुफ्ती तारीक मसूद



https://youtu.be/zRk0Az35flU




पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के एक अन्य धर्मगुरू मुफ्ती तारीक मसूद ने भी 786 अंक को लेकर अपने अलग विचार बताए हैं। मुफ्ती तारीक का यह कहना है कि "बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम" को 786 के तौर पर लिखना एक रियाजी जबान है। उन्होंने बताया कि "बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम" की जगह 786 लिखना कोई गुनाह नहीं है लेकिन ये सुन्नत के खिलाफ है। पाकिस्तान के इस धर्मगुरू ने कहा कि हमें अल्लाह का पूरा नाम ही लेना चाहिए और पूरी अदब के साथ लेना चाहिए। मुफ्ती तारीक मसूद के अनुसार अल्लाह का नाम लेने में कंजूसी की वजह से लोग 786 का उपयोग करते हैं।


भारत में 786 को लेकर क्या मान्यता है?

हालांकि, हमारे देश में 786 अंक को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस्लाम धर्म में 786 को बहुत ही शुभ अंक माना जाता है। इस्लाम धर्म के मानने वाले सभी लोग किसी भी काम को शुरू करने से पहले 786 का स्मरण करते हैं। इस तरह इस्लाम धर्म में ‘786 का मतलब "बिस्मिल्लाह हिरॅ रहमान निरॅ रहीम"  होता है, जिसका मतलब है अल्लाह का नाम जो कि बहुत बड़ा दयालु और रहम करने वाला है। इस प्रकार यह अंक एक मिरेकल है क्योंकि इसका सीधा संबंध अल्लाह के साथ है।




दोस्तों मैं पिछले 4 साल से ब्लॉगिंग कर रहा हूं मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं आप तक सही जानकारी देने की कोशिश करता हूं

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