जोहर की नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है ? zohar ki namaz padhne ka sahi tarika kya hai
अस्सलाम वालेकुम आज हम आपको इस आर्टिकल में जोहर की नमाज के बारे में बताएंगे कि जोहर की नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है और जोहर की नमाज में क्या-क्या पढ़ा जाता है आइए जानते हैं|
आज हम आपको ऐसी नमाज के बारे में बताने वाले हैं जिसका सवाल बहुत ही बड़ा होता है लेकिन हमें आपको चाहिए कि उसे नमाज को मुकम्मल सही तरीके से करना चाहिए इसलिए आज के इस लेख में जानेंगे कि जोहर की नमाज का तरीका क्या होता है |
जोहर की नमाज पढ़ने का तरीका
जोहर की नमाज में सबसे पहले चार रकात सुन्नत अदा करते हैं फिर उसके बाद चार रकात फर्ज पढ़ते हैं फिर इसके बाद दो रकात सुन्नत अदा करते हैं फिर आखिर में दो रकात नमाज नफिल पढ़ते हैं इस तरीके से नमाज पढ़ते हैं|
जोहर की नमाज कैसे पढ़ी जाती है|
जोहर की नमाज का टाइम |
जोहर की नमाज की रकात |
जोहर की नमाज में क्या पढ़ा जाता है|
जोहर की नमाज़ की नियत |
जोहर की चार रकात सुन्नत नमाज पढ़ने का सही तरीका
सबसे पहले नियत करना चाहिए फिर उसके बाद नियत में जब अल्लाह हू अकबर कहने लगे तो अपने दोनों हाथों को कानों की ओर उठाया और नीचे करके नियत बांध ले |
इसके बाद सुब्हान कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व तआला जद्दुक वला इलाहा गैरुक’ पढ़ना चाहिए |
इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतानिर् रजीम फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़ना चाहिए |
फिर उसके बाद अल्हम्दु शरीफ सूरह फातिहा को पढ़ना चाहिए फिर आखिर में आहिस्ता से आमीन कहना चाहिए |
फिर इसे पढ़ने के बाद कुरान शरीफ की कोई भी छोटी सी सूरत जो भी आपको याद हो पढ़ सकते हैं फिर उसके बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुको मैं जाए फिर कम से कम तीन बार सुभान अरब अजीम पड़े|
फिर उठते वक्त समय अल्लाह हू लेमन हमीदा पड़े और उठने के बाद रब बना लकल हम कहें |इसके बाद अल्लाह हू अकबर का कर सजदा करें और कम से कम तीन बार सुभान रबी अल अल्ला पड़े |
फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए थोड़े समय के लिए बैठे फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए पिछली बार की तरह सजदा करें फिर लंबी सांस में अल्लाह हू अकबर कहते हुए सीधे खड़े हो जाए यहां तक एक रकात मुकम्मल हो चुकी है |
इसी तरीके से आपको दूसरी तीसरी चौथी रकात भी पढ़नी जैसा कि हमने इस रकात में बताया |
जोहर की चार रकात फर्ज नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है ?
नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ फज्र जौहर की वास्ते अल्लाह ताला के पीछे इस इमाम के मुंह में रखा भी शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर |
नियत बांधने के बाद सबसे पहले सन पढ़ने चाहिए फिर उसके बाद आओ जो बिल्ला ही मिला शैतान राजिम यानी की सूरह फातिहा को पढ़ना चाहिए उसके बाद कोई भी सूरत छोटी आपको जो भी याद हो उसे पढ़ लेना चाहिए फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुको मैं जानना चाहिए |
और तीन मर्तबा सुभान रबी अल अजीम पड़े फिर समय अल्लाह हू लेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाए उसके बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में जाए फिर सजदे में तीन मर्तबा सुभान रब्बी अल अल पड़े उसके बाद दूसरे सजदे में अल्लाह हू अकबर कहते हुए जाएं फिर तीन मर्तबा सुभान रब्बी अल अल पड़े |
इसी तरीके से आपको दूसरी तीसरी चौथी रकात भी पढ़नी होगी जैसा कि हमने आपको इसमें बताया है |
जोहर की चार रकात सुन्नत नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है ?
नियत की मैंने चार रकात नमाज सुन्नत की वास्ते अल्लाह ताला के सुन्नत रसूल अल्लाह के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर|
नियत बांधने के बाद सबसे पहले आपको सन पढ़नी है फिर उसके बाद वह आहूजा बिलही मेरे शैतानी राजिम बिस्मिल्लाह रहमान रहीम सूरह फातिहा को पढ़ाना है फिर उसके बाद कोई भी छोटी सूरत जो भी आपको याद हो उसे पढ़ लेना है फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुको मैं जाना है
फिर तीन मर्तबा सुभान रबी अल अजीम पड़े फिर समय अल्लाह हुली मन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाए फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदे में जाएं
सजदे में जाने के बाद तीन मर्तबा सुभान रब्बी जल अल पड़े उसके बाद दूसरे सजदे में अल्लाह हू अकबर कहते हुए जाना है फिर उसमें तीन मर्तबा सुभान रब्बी अल्लाह फिर दूसरी रकात के लिए खड़े हो जाए इसी तरीके से आपको दूसरी रकात तीसरी चौथी पढ़नी है
जोहर की दो रकअत नमाज़ सुन्नत पढ़ने का सही तरीका क्या है ?
नियत की मैने दो रकात नमाज जोहर की सुन्नत रसूल अल्लाह ताला की वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर|
नियत बांधने के बाद सबसे पहले आपको सन पढ़ना है सना पढ़ने के बाद आहूजा बिलही मिनेश शैतानी राजिम बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम यानी सूरह फातिहा पड़े फिर उसके बाद आपको जो भी छोटी सी सूरत याद हो उसे पढ़ लेना चाहिए फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदा करें कम से कम तीन बार सुभान रबी अल अल्लाह पड़े फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए थोड़ी देर के लिए बैठे हैं फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए पिछली बार की तरह सजदा करें फिर लंबी सांस में अल्लाह हू अकबर कहते हुए सीधे खड़े हो जाएं इस तरीके से|तरीके से
इस तरीके से आपकी रकात मुकम्मल हो चुकी है इसी तरीके से आपको दूसरी रकात भी पढ़नी होगी |
जोहर की नमाज में दो रकात नफिल पढ़ने का सही तरीका क्या है ?
नियत कि मैं दो रकात नमाज जोहर की नफिल वास्ते अल्लाह ताला के रूप मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर |
नियत बढ़ने के बाद आपको सना पढ़े यानी सुब्हान कल्ला हुम्मा व बिहम्दिका व तबारा कस्मुका व तआला जद्दुक वला इलाहा गैरुक को पढ़ना चाहिए|
फिर इसके बाद हाउस बिलही मिनेश शैतानी राजिम फिर बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पड़े यानी सूरह फातिहा को पढ़ना चाहिए फिर उसके बाद आपको कोई भी छोटी सूरत जो भी याद हो उसे पढ़ सकते हैं फिर उसके बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुको मैं जाना चाहिए|
फिर तीन मर्तबा सुभान रब्बी जल अजीम पढ़े फिर उठते वक्त समय अल्लाह हू अल्लाह पढ़ना चाहिए उसके बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए सजदा करें और तीन मर्तबा सुभान रब्बी अल अल पड़े फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए थोड़ी देर के लिए बैठे |
फिर अल्लाह हू अकबर कहता हुआ पिछली बार की तरह सजदा करें फिर तीन मर्तबा सुभान रब्बी जल अल्लाह पड़े फिर दूसरी रकात के लिए इसी तरीके से दूसरी रकात भी आपको पढ़नी होगी |
उम्मीद करती हूं कि आपको मेरी यह नमाज से जुड़ी हुई जानकारी पसंद आई होगी अगर पसंद आई हो तो लाइक कमेंट शेयर जरूर करें और दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक पर शेयर करें शुक्रिया