बीकानेर का सबसे अमीर आदमी,बीकानेर के सबसे अमीर आदमी राधाकिशन दमानी की कहानी

 

बीकानेर का सबसे अमीर आदमी

 

राधाकिशन दमानी बीकानेर के सबसे अमीर आदमी है जो एक भारतीय निवेशक तथा डी मार्ट के संस्थापक हैं।

बीकानेर के सबसे अमीर आदमी राधाकिशन दमानी को हम अपना आइडियल मान सकते हैं।

सिंगल रूम अपार्टमेंट में पले-बढ़े 12वीं पास राधाकिशन ने पूरी दुनिया को बता दिया कि यदि हमारे हौसले बुलंद हों तो

मुश्किल से मुश्किल रहा भी बड़ी आसान हो जाती है। आज हम प्रमुख रिटेल कंपनी डी-मार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी के बारे में बात करेंगे। जो आज दुनिया के 98वें सबसे अमीर आदमी बन चुके हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, वे  1.42 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। तो चलिए जानते हैं 5000 रुपये से निवेश कर बिजनेस की शुरुआत करने वाले बिकानेर के इस ‘रिटेल किंग’ की कहानी।

 

बीकानेर का सबसे अमीर आदमी

बीकानेर के सबसे अमीर आदमी राधाकिशन दमानी की कहानी

 

बीकानेर की सबसे अमीर शख्स के पिता एक शेयर ब्रोकर थे लेकिन साल 1985-86 में पिता शिव किशन दमानी की मौत होने से घाटे में चल रहे अपने बॉल बेयरिंग के कारोबार को राधाकिशन ने बंद करने का फैसला किया था। उस बाद उन्होंने अपने भाई गोपीकिशन दमानी के साथ मिलकर शेयर बाजार पर फोकस करते हुए 5000 रुपये के साथ निवेश की शुरुआत की। साल 1990 के दशक में जब हर्षद मेहता ने देश का वित्तीय बाजार बुरी तरह से हिला कर रख दिया था, उस वक्त दमानी को बहुत बड़ा प्रॉफिट हुआ। वह दौर था जब हर्षद मेहता ने शेर बाजार की तेजी पर दांव और दमानी ने बाजार की गिरने पर दांव लगाया था।उस बाद बाजार धड़ाम हुआ, जिससे दमानी को जबर्दस्त प्रॉफिट हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस वक्त दमानी ने  यह भी कहा था कि अगर मेहता एक सप्ताह और अपनी लॉन्ग पोजीशन होल्ड करता, तो उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ सकता था। कुछ समय बाद 1995 में दमानी ने सस्ते वैल्युएशन में मिलने वाली कंपनी में लंबे वक्त तक रुकने का फॉर्मूला अपनाया। बीकानेर के सबसे अमीर व्यक्ति राधाकिशन दमानी ने एचडीएफसी बैंक के प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) में पैसा लगा दिया या। इससे भी उन्हें जबरदस्त मुनाफा हुआ था।


राधाकिशन दमानी की शुरुआती जिंदगी

 

साल 1954 में राजस्थान के बीकानेर में मारवाड़ी परिवार में राधाकिशन दमानी का जन्म हुआ था। उस वक्त उनका परिवार एक छोटे और सिंगल रूम के अपार्टमेंट में रहता था। राधाकिशन दमानी ने 12वीं पास करने के बाद मुंबई यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की पढ़ाई शुरू तो की लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई को साल के बीच में ही छोड़ दिया। उस बाद साल 2002 में उन्होंने  डी-मार्ट का पहला स्टोर स्थापित किया था और 2017 में डी-मार्ट के पेरेंट कंपनी एवेन्यू सिपरमार्ट का आईपीओ भी आया, जिसके बाद उनकी कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो गई।

 

2002 में स्थापित किया था डी-मार्ट का पहला स्टोर

 

दमानी ने साल 2002 में मुंबई के पवई इलाके में डी-मार्ट का पहला स्टोर खोला था। उस वक्त से लेकर आज तक उनकी कंपनी के स्टोर्स लगातार बढ़ते ही जा हैं। साल 2011-12 में डी-मार्ट के 55 स्टोर्स थे, वहीं 2012-13 में 62 स्टोर्स थे, उस बाद 2013-14 में 75 स्टोर्स बन चुके थे, 2014-15 में 89 स्टोर्स , 2015-16 में 110 स्टोर्स , 2016-17 में 131 स्टोर्स , 2017-18 में 176 स्टोर्स, ये आंकड़ा बढ़ता ही गया और 2018-19 में 214 स्टोर्स हो गए और वर्तमान में देश में 11 राज्यों और एक यूटी में कंपनी के 238 स्टोर्स मौजूद हैं।

 

दमानी की कंपनी की स्ट्रैटेजी

 

राधाकिशन दमानी के स्टोर की सबसे दिलचस्प बात यह है कि डी-मार्ट का कोई भी स्टोर किराए पर नहीं है। सभी स्टोर कंपनी के अपने ही हैं। डी-मार्ट ने अपनी स्थापना से ही मार्केट में सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं। कंपनी का ध्यान मार्जिन के बजाय वॉल्यूम पर रहा है। डी-मार्ट एक ऐसी कंपनी है जो अपने सप्लायर को महज सात से 10 दिनों के भीतर ही पेमेंट कर देती है। वहीं अन्य कंपनियां अपनी सप्लायर को 20 से 30 दिनों में पेमेंट करती हैं।

 

राधाकिशन दमानी के बारे में दिलचस्प बातें

 

कपड़ों को लेकर किसी प्रकार की उलझन से दूर रहने के लिए दमानी हमेशा ही सफेद कपड़े पहनते हैं। यही वजह कि वे ‘मिस्टर व्हाइट एंड व्हाइट’ नाम से मशहूर हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दमानी वीगन डाइट फॉलो करते हैं। इस डाइट में मांस, अंडा, शहद,डेयरी प्रोडक्ट्स, दूध, नहीं लेते।

दमानी हर साल कुंभ में गंगा स्नान करते हैं।

साल 2017 में जब एवेन्यू सिपरमार्ट का आईपीओ पेश हुआ था। उस वक्त कंपनी का शेयर दोगुने भाव 604 पर लिस्ट हुआ था। उस वक्त कंपनी का बाजार पूंजीकरण 39000 करोड़ रुपये था।

कुछ दिनों पहले ही दमानी ने दक्षिण मुंबई के मलाबार हिल्स इलाके में 1,001 करोड़ रुपये का बंगला खरीदा है। यह हमारे देश का सबसे महंगा बंगला है। दमानी ने साल 31 मार्च को तीन फीसदी स्टांप ड्यूटी देकर बंगले का रजिस्ट्रेशन करवाया था। वहीं छूट के बाद भी उन्होंने 30 करोड़ की स्टांप ड्यूटी दी है। आपको बता दें कि डेढ़ एकड़ के इस बंगले के लिए प्रति वर्ग फुट दमानी ने 1.60 लाख रुपये चुकाए है।

2020 में भी दमानी ने 8.8 एकड़ की भूमि संजय गांधी नेशनल पार्क में (सीसीआई प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत 500 करोड़ की प्रॉपर्टी) खरीदी थी।

दमानी ने मार्च 2020 तक इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी में 15.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। वहीं 31 मार्च 2020 तक दमानी के पास इंडिया सीमेंट्स के 3,18,86,777 शेयर हो चुके थे। यह कुल हिस्सेदारी का 10 प्रतिशत है क्योंकि दिसंबर 2019 तक इंडिया सीमेंट्स में दमानी परिवार की हिस्सेदारी 4.73 प्रतिशत थी।

दमानी की कंपनी का बाजार पूंजीकरण पिछले चार सालों में छह गुना बढ़ चुका है। वर्तमान समय में यह 2,36,538.17 करोड़ रुपये है।

दोस्तों मैं पिछले 4 साल से ब्लॉगिंग कर रहा हूं मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं आप तक सही जानकारी देने की कोशिश करता हूं

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